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गणतंत्र दिवस पर बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर खुब बटोरी वाहवाही 

 

बीआर दर्शन | बक्सर

गणतंत्र दिवस के अवसर पर शहर के बाईपास रोड स्थित बिहार सेंट्रल स्कूल परिसर में छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर वाहवाही बटोरी।विद्यालय के निदेशक इंजीनियर आर बी सिंह ने झंडोत्तोलन किया। इस अवसर पर विद्यालय की उपनिदेशिका उर्मिला सिंह व सचिव सरोज सिंह उपस्थित रहे। अपने संबोधन में आर बी सिंह ने कहा कि हमें अपने राष्ट्रीय पर्व पर यह संकल्प लेना चाहिए कि हम राष्ट्र के नवनिर्माण में अपना सर्वोत्तम योगदान देने के लिए सर्वदा आगे रहे। इस कड़ी में हमारे बच्चे महत्वपूर्ण कड़ी है जिनका नैतिक निर्माण शिक्षकों की नैतिक व सामाजिक कर्तव्य है जिसे पूरा करना है। बच्चों का रुझान व उनकी आंतरिक मनोदशा को एक सकारात्मक व रचनात्मक दिशा देता है।

उक्त अवसर पर बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गयी। जिसमें बच्चों ने अपनी प्रतिभा व रुझान को नृत्य व गीत के माध्यम से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ देव स्तुति से हुई जिस वर्ग 8 की अनन्या ने काफी मनमोहक नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। इसके बाद वर्ग सात की खुशबू, रोशनी, वर्ग 5 की प्रतिभा, आशा, वर्ग 8 की आकांक्षा, वर्ग 10 की रुचिका, वर्ग 5 की अनन्या ने देव स्तुति व गान एवं नृत्य की प्रभावशाली प्रस्तुति दी। वर्ग नर्सरी से आयुष, नितिन, आराध्या, अंशु, शिवांस, अद्विका, मौली, असी, परी, आद्या, कृष, सृष्टि, रिशु, इक्क्छा एवं ऋषभ ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। वर्ग नवम की रौशनी और सुप्रिया ने प्रसिद्ध शिव तांडव को भावात्मक ढंग से प्रस्तुति किया। वर्ग 1 की श्रेयांशी, आफरीन, काजल, आलिया, अनुश्री, नैना, साक्षी एवं अनामिका ने काफी दिलचस्प नृत्य प्रस्तुत किया। वर्ग 1 की ही भूमि, अनुष्का, आरुषि, अनामिका, इशिता, मानसी एवं अंशिका ने भारत की बेटी शीर्षक पर सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया। वर्ग 7 की नीतू ने राधा कृष्ण के ऊपर मनमोहक नृत्य एवं गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन रिमझिम, रुचिका, श्रेया, आस्था व रक्षा ने संभाला।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए विद्यालय सचिव सरोज सिंह ने कहा कि आज का दिन हमारे राष्ट्र के साथ-साथ प्रत्येक व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। जैसे राष्ट्र को सुचारू रूप से गतिमान बनाने हेतु संविधान की आवश्यकता हुई। उसी प्रकार हम प्रत्येक नागरिक को अपने जीवन में अनुशासन हुआ कर्तव्य बोध को स्थापित करना महत्वपूर्ण है, तभी हम एक उन्नत और विकसित राष्ट्र की परिकल्पना कर सकते हैं।

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