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दो दिसंबर से शुरू होगा पंचकोशी मेला, अधिकारियों व पूजा समिति के सदस्यो ने किया परिक्रमा स्थलो का निरीक्षण

 

बीआर दर्शन। बक्सर

जिले का सुप्रसिद्ध पंचकोश परिक्रमा मेला दो दिसंबर से शुरू हो रहा है। जिसे लेकर जिला प्रशासन व पंचकोशी परिक्रमा समिति के सदस्यो के द्वारा पंचकोश परिक्रमा स्थलो का निरीक्षण किया गया। परिक्रमा स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की समस्या न हो इसको लेकर संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया गया।

वरीय अधिवक्ता सुबेदार पांडेय ने बताया कि मेले का पहला पड़ाव अहिरौली में लगेगा। जहां जलेबी और अन्य पकवान लोग खाते हैं। यह वह स्थान है जहां अहिल्या का उद्धार हुआ था। दूसरा पड़ाव नदांव में लगता है। जहां नारदमुनी का आश्रम है। यहां लोग खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण करते हैं। अगले दिन भार्गव ऋषि के आश्रम वर्तमान गांव भभुअर में मेला लगता है। जहां चुड़ा- दही का प्रसाद ग्रहण किया जाता है। चौथे दिन बड़का नुआंव में मेला लगता है। जहां हनुमान जी की माता अंजनी का आश्रम हुआ करता था। जहां सत्तु का प्रसाद ग्रहण किया जाता है। पांचवां और अंतिम पड़ाव चरित्रवन में लगता है। जहां लोग लिट्टी- चोखा बनाकर खाते हैं।

मेले की तैयारी एवं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासनिक स्तर से मदद के लिए एसडीओ धीरेन्द्र मिश्रा व पंचकोश समिति के सदस्यो ने सभी स्थानों का भ्रमण किया। निरीक्षण के पहले क्रम में सभी लोग अहिरौली गए। वहां स्थानीय लोगों एवं पंचायत के सहयोग से मिलने वाली जन सुविधाओं की जानकारी ली गई। पंचकोश परिक्रमा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े उसके लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए। जिनमे बक्सर किला मैदान में अंचलाधिकारी एवं पंचकोसी परिक्रमा समिति के सदस्यों के साथ रास्ता, सफाई, लाइट, पेयजल एवं रात्रि में रहने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा की इंतजाम का निर्देश दिया गया। मौके पर अहिल्या धाम के पुजारी एवं अहिरौली मंदिर के महंत, अंजनी सरोवर मन्दिर के पुजारी एवम पंचकोशी परिक्रमा समिति से अधिवक्ता सूबेदार पांडेय, रोहतास गोयल, डॉ श्रवण कुमार तिवारी, सुरेश राय थे।

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