दहेज हत्या में पति काे आजीवन कारावास, दाे गाेतनी काे सात वर्ष की सजा

बीआर दर्शन | बक्सर
दहेज हत्या के मामले में मंगलवार काे अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 2 विजेंद्र कुमार की काेर्ट में सुनवाई हुई। काेर्ट ने विवाहिता की हत्या में अभियुक्त पति को आजीवन कारावास और 50 हजार का जुर्माना, दाे गोतिनीयों को 7 वर्षों का कठोर कारावास और 20 –20 हज़ार का जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी हाेगी।
अपर लाेक अभियाेजन विनाेद कुमार सिंह ने बताया कि भाेजपुर जिला के शाहपुर थाना क्षेत्र के इसरपुरा गांव की रहने वाली मीरा कुमरी की शादी सिमरी थाना क्षेत्र के डुमरी गांव के संजय चाैधरी के साथ वर्ष 2008 में हुई थी। शादी के बाद से ही ससुराल वाले दहेज में साेने की चेन और गैस चुल्हा की मांग कर रहे थे। मीरा के मायके वाले काफी गरीब हाेने के कारण दहेज का समान देने में असमर्थ हाे गए। जिसके कारण ससुराल पक्ष वाले गवना नहीं करा रहे थे। काफी मान-मनाैव्वल के बाद ससुराल वालाें ने 22 नवंबर 2011 काे मीरा का गवना करा कर डुमरी लेकर आए। आराेप था कि गवना के दूसरे दिन ही मीरा काे उसके ससुराल वालाें ने जहर देकर मार दिया। पीड़िता के मायके वालाें काे घटना की सूचना मिली ताे वे मीरा के ससुराल पहुंचे जहां उन्हें जानकारी हुई कि उनकी पुत्री काे जहर दिया गया है और उसे इलाज के लिए भी किसी अस्पताल में नहीं ले जाया गया है। मामले में मृतका के मायके वालाें ने सिमरी थाना में ससुराल वालाें के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। काेर्ट ने आराेपिताें काे हत्या का दाेषी पाया। काेर्ट ने अभियुक्त पति संजय चौधरी, गाेतनी ज्ञांती देवी एवं पुष्पा देवी को सजा सुनाई। काेर्ट ने पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई साथ ही 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया वहीं दोनों गाेतनियों को 7 –7 वर्षों के कठोर कारावास की सजा एवं 20-20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया। अर्थदंड नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त जेल में बिताने होंगे। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विनोद कुमार सिंह एवं अधिवक्ता श्री मन नारायण ओझा ने बहस में हिस्सा लिया।