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संगीतमय सात दिवसीय श्रीमद् भागवत संगीतमय कथा आयोजित, नगर में निकली कलश यात्रा 

 

बीआर दर्शन | बक्सर

सात दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण संगीतमय कथा ज्ञान यज्ञ को लेकर गुरुवार को इटाढ़ी में भव्य जल यात्रा निकाली गई। सुबह के करीब 11:00 बजे गाजे बाजे एवं घोड़े के साथ जल यात्रा प्रारंभ की। इस दौरान श्रद्धालुओं द्वारा कलश के साथ पूरे गांव का भ्रमण करते हुए ठोरा नदी में जलभरी की गई। इसके बाद कलश के साथ यज्ञ स्थल पर आकर कलश स्थापित किया। इसके साथ ही साथ दिवसीय संगीत में कथा भी प्रारंभ हो गया। कथा व्यास के रूप में आचार्य रणधीर ओझा जी जल यात्रा में मौजूद थे।

कथा के पहले दिन बक्सर वाले मामाजी के कृपापात्र आचार्य श्री रणधीर ओझा ने श्रीमद्भागवत कथा की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि बिनु परतीती होई नहीं प्रीति अर्थात माहात्म्य ज्ञान के बिना प्रेम चिरंजीव नहीं होता, अस्थायी हो जाता है। धुंधकारी चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आत्मसात कर लेें तो जीवन से सारी उलझने समाप्त हो जाएगी। द्रौपदी, कुन्ती महाभागवत नारी है। कुन्ती स्तुति को विस्तारपूर्वक समझाते हुए परीक्षित जन्म एंव शुकदेव आगमन की कथा सुनाई। पश्चात गौकर्ण की कथा सुनाई गई। ओझा जी महाराज ने कहा कि भगवान की लीला अपरंपार है। वे अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य व देवताओं के धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं। श्रीमदभागवत कथा के महत्व को समझाते हुए कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है आवश्यकता है निर्मल मन ओर स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानन्द की प्राप्ति होती है। भागवत श्रवण प्रेतयोनी से मुक्ति मिलती है। चित्त की स्थिरता के साथ ही श्रीमदभागवत कथा सुननी चाहिए। भागवत श्रवण मनुष्य केे सम्पूर्ण कलेश को दूर कर भक्ति की ओर अग्रसर करती है। उन्होंने अच्छे ओर बुरे कर्मो की परिणिति को विस्तार से समझाते हुए आत्मदेव के पुत्र धुंधकारी ओर गौमाता के पुत्र गोकरण के कर्मो के बारे में विस्तार से वृतांत समझाया ओर धुंधकारी द्वारा एकाग्रता पूर्ण भागवत कथा श्रवण से प्रेतयोनी से मुक्ति बताई तो वही धुंधकारी की माता द्वारा संत प्रसाद का अनादर कर छल.कपट से पुत्र प्राप्ती ओर उसके बुरे परिणाम को समझाया।मनुष्य जब अच्छे कर्मो के लिए आगे बढता है तो सम्पूर्ण सृष्टि की शक्ति समाहित होकर मनुष्य के पीछे लग जाती है ओर हमारे सारे कार्य सफल होते है।

जल यात्रा में श्याम बिहारी पाठक, मनभरन पाठक, राममूरत पाठक, इंद्रलेश पाठक, रामनारायण पाठक, ब्रजेश पाठक, जोधन पाठक, धर्मेंद्र पाठक , उमापति पांडेय, ललन उपाध्याय, कमलेश पाठक, राहुल पाठक, अरविंद पाठक, राजू पाठक, वशिष्ठ पाठक, प्रमोद कुमार चौबे , सुनिल पाठक, रामेश्वर पाठक समेत अन्य लोग मौजूद थे।

 

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