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माैत के बाद आया रिहाई का फरमान, तीन अन्य हुए बंदी हुए आजाद 

बीआर दर्शन | बक्सर

ओपेन जेल में बंद पांच बंदियाें के रिहाई का आदेश मंगलवार काे जेल प्रशासन के पास आया। राज्य सरकार के आदेश पर मंगलवार की देर शाम ओपेन जेल में हत्या की सजा काट रहे तीन बंदियाें काे रिहा किया गया। वहीं एक बंदी काे अर्थदंड नहीं भरने के कारण उसे रिहा नहीं किया जा सका। जबकि एक बंदी की माैत रिहाई के फरमान आने के एक वर्ष पूर्व हाे चुकी थी। जेल से निकलने के बाद बंदियाें ने वर्षाे बाद आजादी की सांस ली। जेल से निकलने वाले बंदियाें ने कहा कि उनका दुबारा जन्म हुआ है। बंदी अपने परिजनाें के साथ घर चले गए।

जेल अधीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि सरकार के आदेश पर जेल महानिरीक्षक के द्वारा जारी निर्देश के आलोक में मंगलवार की शाम फिलहाल छपरा निवासी जितेंद्र सिंह, आरा जिले के रमदतही गांव निवासी किशुनदेव राय, नालंदा जिले के राजबल्लभ यादव तथा आरा के रामाधार राम को छोड़े जाने का आदेश जारी हुआ। इन सभी ने 14 वर्षों से ज्यादा की सजा काट ली है। हालांकि रामाधार राम काे फिलहाल नहीं छोड़ा गया है। उन्हें 7 हज़ार रुपयों का अर्थदंड भी जमा करना था जो उन्होंने अब तक नहीं जमा किया है। ऐसे में यदि वह अर्थदंड जमा करते हैं तो उनकी रिहाई होगी अन्यथा उन्हें 1 माह 15 दिन और जेल में गुजारने होंगे।

जेल से छूटे बंदियों से बात करने पर उन्होंने बताया कि वह मान चुके थे कि अब उनकी मौत के बाद यहां से उनकी रिहाई होगी। ऐसे में आज अपनी रिहाई को वह दूसरा जन्म मान रहे हैं।

मृतक बंदी के रिहाई का आया था फरमान: सांसद आनंद माेहन के रिहाई के साथ अन्य बंदियाें के रिहाई के लिस्ट में एक मृतक बंदी के रिहाई का फरमान भी सरकार ने जारी कर दिया था। सेंट्रल जेल में बंद पतिराम राय के रिहाई का आदेश जेल प्रशासन काे मिला था। हालांकि उक्त बंदी की माैत पिछले वर्ष नवंबर माह में ही हाे गई थी। जेल प्रशासन ने इसकी सूचना वरीय अधिकारियाें काे भी भेज दिया।

 

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