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किसान महापंचायत : उचित मुआवजे के बाद हो एनएच-319ए और एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण 

 

बीआर दर्शन | बक्सर

चौसा प्रखंड के बनारपुर में रविवार को किसान महापंचायत का आयोजन हुआ। महापंचायत में सैकड़ों किसानों के साथ बक्सर सांसद सुधाकर सिंह और पटना समेत विभिन्न क्षेत्रों से आए किसान नेता शामिल हुए। किसानों ने एनएच-319ए और भारत माला एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध करते हुए कहा कि जब तक उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, वे अपनी जमीन नहीं देंगे।

महापंचायत की अध्यक्षता कर रहे धनपत चौधरी ने कहा कि थर्मल पावर प्लांट से प्रभावित किसानों के संघर्ष ने बिहार के किसानों को एकजुट कर दिया है। उन्होंने आंदोलनकारी किसानों की तारीफ करते हुए कहा कि अब किसान अपने अधिकारों के लिए संगठित होकर आगे आ रहे हैं।

महापंचायत को संबोधित करते हुए सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि किसानों के संघर्ष से बदलाव हो रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि वाटर पाइप लाइन का रास्ता बदलने की मांग स्वीकार कर ली गई है और अब यह किसानों की जमीन से होकर नहीं गुजरेगी। रेल कॉरिडोर के लिए 137 एकड़ जमीन अधिग्रहण की योजना थी, लेकिन अब केवल 57 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होगा, जिससे 80 एकड़ जमीन किसानों की बच गई है। सांसद सुधाकर सिंह ने आश्वासन दिया कि एनएच-319ए के लिए बनारपुर गांव में बनाए गए एलाइमेंट में किसी किसान का घर टूटने नहीं दिया जाएगा।

सांसद ने बताया कि प्रभावित किसानों के लिए 60 करोड़ रुपये की राशि आरएनआर (रिहैबिलिटेशन एंड रिसेटेलमेंट) के तहत जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पहले बैठकों में किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जाता था, लेकिन अब किसान विकास योजनाओं के केंद्र में हैं। विलेज डेवलपमेंट कमेटी का गठन एक महीने के भीतर किया जाएगा। इसके तहत चौसा, बनारपुर, मोहनपुरवा और आसपास के गांवों में सामुदायिक भवन, विवाह भवन और किसान भवन का निर्माण होगा। चौसा बालिका उच्च विद्यालय और आदर्श हाई स्कूल की मरम्मत भी इसी पॉलिसी के तहत कराई जाएगी।

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