सांसद ने अन्न महोत्सव में बिहार सरकार पर साधा निशाना- दे दी चेतावनी
आथर में प्रादेशिक अन्नदाता-श्री अन्न महोत्सव कार्यक्रम को किया संबोधित बड़ी संख्या में किसानों व कृषि विशेषज्ञों ने कार्यक्रम की शिरकत

बीआर दर्शन। बक्सर
नावानगर प्रखंड के आथर गांव में रविवार को प्रादेशिक अन्नदाता- श्री अन्न महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने किया। उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। सरकार को जल्लाद तक की संज्ञा दे दी। वहीं भ्रष्टाचार करने वालों को जेल की याद दिला दी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष घोषित किया है। मिलेट यानी मोटे अनाज को हिंदुस्तान ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में भोजन की थाली में सम्मानजनक स्थान दिलाने का समय आ गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में लोगों में जागरूकता के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मिलेट को प्रोत्साहन और बढ़ावा सिर्फ खाद्यान्न की जरूरतें ही पूरी नहीं करेगा, बल्कि नए स्टार्टअप को इसके प्रोडक्ट्स दुनिया के सामने लाने का मौका मिलेगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, विशेषकर महिलाओं को मिलेट उत्पादन से प्रोसेसिंग तक के काम में जोड़ा जा सकता है। आज दुनिया में मिलेट का प्रमुख उत्पादक देश भारत हैं, जिसमें बिहार का प्रमुख योगदान आने वाले समय मे औऱ बढ़े, इसके लिए सभी को प्रयास करना होगा। इसमें पानी की जरूरत काफी कम होती है, पथरीली भूमि पर भी उत्पादन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म में भोजन को ईश्वर का स्वरूप माना गया है। इसके साथ ही हिंदू मान्यता के अनुसार यजुर्वेद में भी मोटे अनाज का जिक्र पाया गया है। जैसा हम जानते हैं कि धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा पाठ में जौ का इस्तेमाल किया जाता है। ज्वार, बाजरा, जौ, कोदो, रागी (मडुआ), सांवा,सामा,कुटकी, लघु धान्य, चीना, कांगनी आदि को मोटा अनाज की श्रेणी में आते हैं। स्वास्थ्य के लिए ये रामबाण हैं। दुनिया ने कभी खाद्य सुरक्षा के नाम पर हमें हमारे पारंपरिक खान- पान से दूर कर दिया गया, लेकिन आज हमें अपने अतीत और परंपराओं पर ध्यान देने की ज़रूरत है। आज दुनिया ने मोटे अनाज पर मुहर लगा दी है और हमें इस पर गर्व होना चाहिए। आज, दुनिया मधुमेह, कॉलेस्ट्रॉल और कई अन्य बीमारियों से जूझ रही है, मोटा अनाज आदर्श भोजन होने के साथ-साथ बीमारियों को भी दूर रखता है। उन्होंने बताया कि किसानों एवं लोगों में जागरूकता के लिए नियमित अंतराल पर इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में प्राथमिक कृषि साख सोसायटी व एनसीडीईएक्स आइपीएफ ट्रस्ट सहित अन्य संस्थानों ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।