दावत-ए-इफ्तार का हुआ आयोजन, अमीरी-गरीबी का मिटा फर्क

बीआर दर्शन | बक्सर
सिमरी प्रखंड के काजीपुर गांव में शनिवार को केजीएन कॉम्पलेक्स के पास दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया गया था। इश्क-ए-मोहम्मदिया कमेटी की जानिब से आयोजित इफ्तार पार्टी में काजीपुर के साथ आस-पास के गांवों से भी बड़ी संख्या में अकीदतमंद व अन्य समुदाय के लोग जुटे हुए थे।
इफ्तार स्थल का परिसर अन्य दिनों की अपेक्षा बेहद गुलजार दिख रहा था। देर शाम तक चले कार्यक्रम में लोगों ने विभिन्न प्रकार के बने लजीज व्यंजनों व जायके का जमकर लुत्फ उठाया। सभी ने सामाजिक समरसता को लेकर कमेटी द्वारा की गई इफ्तार पार्टी की जमकर सराहना की।
लजीज पकवान से सजे थे दस्तखान : दावत-ए-इफ्तार को लेकर ग्रामीणों के बीच उत्सुक्ता बनी हुई थी। सभी निर्धारित समय से पहले ही इफ्तार स्थल के पास पहुंच गए थे। कमेटी के सदस्यों ने इफ्तार का काफी बेहतर इंतजाम किया था। खाने-पीने के लिए लगी लंबी दस्तखान विभिन्न प्रकार के मौसमी फलों, पेय पदार्थों व लजीज व्यंजनों से पटी हुई थी। नमाज-ए-मगरीब के वक्त जैसे ही मस्जिद में आजान की पुकार हुई, मौजूद सभी लोग इफ्तार खोलना शुरू कर दिए। इस दौरान काजीपुर स्थित जामा मस्जिद के इमाम हाफिज फरीद आलम ने बताया कि इफ्तार के वक्त रोजेदारों की सभी दुआएं कबूल होती हैं। शाम के वक्त रोजेदार अपने दस्तखान पर इफ्तार तो रखता है, पर अल्लाह के हूक्म के बिना वह इफ्तार नहीं करता। वहीं, समाजसेवी एवं महान शिक्षाविद काजी उजैर आलम ने कहा कि समाज में आपसी सौहार्द व भाईचारा कायम रखने के लिए गांव के युवाओं काफी बेहतर तरीके से इफ्तार पार्टी किया था। ग्रामीणों के सहयोग से उनके द्वारा यह आयोजन हर साल किया जाता है। इफ्तार पार्टी का सफल आयोजन कराने में गांव के युवाओं, नौजवानों एवं बुजुर्गों की भूमिका सराहनीय रही।