अपनों द्वारा ठुकराई गई नवजात को मिला सहारा, आंध्र प्रदेश की दंपत्ती ने अपनाया

बीआर दर्शन। बक्सर
अपनों के द्वारा ठुकराई गई नवजात बच्ची को मंगलवार को ममता का छांव मिला। कानूनी प्रक्रिया के बाद आंध्र प्रदेश के दंपत्ती को डीएम अंशुल अग्रवाल ने सौंपा। डीएम ने बच्चों को उपहार भी दिया।
बता दें कि करीब पांच माह पूर्व एक बच्ची लावारिस हालत में मिली थी।जिसे जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में रखा गया था। जिला प्रशासन के द्वारा बच्ची के जैविक माता – पिता की खोज का प्रयास भी किया गया था।
बालिका को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा जारी दत्तक ग्रहण विनियम 2022 के प्रावधानों के आलोक में समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर दतक ग्रहण हेतु प्रदान किया गया। आंध्र प्रदेश के दंपति के द्वारा लगभग 3 वर्ष 7 माह पूर्व बच्चा गोद लेने हेतु पंजीकरण किया गया था उनके द्वारा बालक को दत्तक ग्रहण में लेने हेतु सहमति दी गई। इसके पश्चात दत्तक ग्रहण कमेटी की बैठक में दंपति के द्वारा समर्पित प्रमाण पत्रों एवं दत्तक ग्रहण हेतु उनके अभिरुचि की जांच की गई और उन्हें दत्तक ग्रहण के लिए उपयुक्त पाया गया। जिला दंडाधिकारी के न्यायालय में दत्तक ग्रहण आदेश के लिए आवेदन किया जाएगा। जिलाधिकारी द्वारा दत्तक ग्रहण आदेश जारी करने के पश्चात ही दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण होगी जिलाधिकारी महोदय ने बच्चों को उपहार भी प्रदान किया।
मौके पर जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस बक्सर, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग बक्सर, सहायक निदेशक दत्तक ग्रहण संस्थान की समन्वयक, नर्स एवं बालिका के दत्तक माता-पिता उपस्थित थे।