मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के लिए लगानी पड़ रही लाईन, चहुंओर कुव्यवस्था
पौराणिक मान्यताओं को लेकर परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए बक्सर आते हैं लोग
बीआर दर्शन। बक्सर
बीते एक सप्ताह से गर्मी सता रही है। तेज धूप और लू से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। सुबह से ही आकाश से अंगार बरसने लग रहा है। इसका असर आम जन पर पड़ रहा है। भीषण गर्मी से लोग बेचैन हैं। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। एक सप्ताह से पड़ रही बेतहाशा गर्मी का असर श्मशान में भी दिखने लगा है। श्मशान में अंतिम संस्कार के लिए आने वाले शवों की संख्या में इजाफा हुआ है। सोमवार को श्मशान में मानों पैर रखने तक की जगह नहीं बची हो। शवों के आने का सिलसिला थम नहीं रहा था। हर थोड़ी देर में शव लिए परिजन पहुंच रहे थे।
श्मशान घाट रजिस्ट्रेशन के लिए बनाए गये काउंटर पर लंबी कतार लगी थी। पसीन से तरबतर परिजन पर्ची कटाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते देखे गये। एक पर्ची कटाने में पांच से छह मिनट लग रहा था। रजिस्ट्रेशन के लिए जो कर्मी पर्ची काट रहा था वह मृत्यु होने का कारण भी पूछ रहा था। परिजनों के द्वारा बताए गये कारणों को भी पर्ची पर अंकित किया जा रहा था।
प्रति दिन 80 से 95 शव आ रहे अन्त्येष्टि के लिए
13 जून के बाद श्मशान पर अंतिम संस्कार के लिए लाये जाने वाले शवों की संख्या में इजाफा हुआ है। जब से गर्मी बढ़ी है मृतकों की संख्या में तिगुनी हो गई है। रजिस्ट्रेशन काउंटर से मिली जानकारी के अनुसार 13 जून से पहले जब मौसम सामान्य था उस समय हर दिन तीस से पैंतीस शव अन्त्येष्टि के लिए श्मशान घाट पर आ रहे थे। लेकिन, 13 जून के बाद गर्मी कहर बरपाने लगी। इस का असर निश्चित रूप से मानव जीवन पर पड़ा है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार हर दिन 80 से 100 शव अत्येष्टि के लिए लाये जा रहे हैं। चर्चा यह भी है कि करीब एक सप्ताह से पड़ रही प्रचंड गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ी है।
श्मशान पर दिखी सुविधाओं की कमी
श्मशान घाट पर सुविधाओं की घोर कमी दिखी। मेन रोड से श्मशान घाट के पहुंच पथ पर हर थोड़ी देर पर जाम की स्थिति बन जाती थी। रास्ते की चौड़ाई कम होने के चलते इस तरह की परेशानी हो रही है। घाट पर साफ-सफाई के अभाव दिखा। नगर परिषद की ओर से पानी का टैंकर भेजा गया था। यहां पर चापाकल की आवश्यकता है। पानी का जो टैंकर आया था उसका पानी गर्म हो जाने से लोग पीने से परहेज कर रहे थे। शव की अन्त्येष्टि के लिए आए परिजन महेंद्र प्रसाद, रवि लाल, सुधीर सिंह आदि ने बताया कि गर्मी के दिन में शीतल पानी की कमी खली।
42 डिग्री तापमान में झुलस रही लोगों की काया
गर्मी कम होने का नाम नहीं ले रही। तेज धूप और लू से जन जीवन बेहाल हो गया है। बाजार में दुकानें तो खुल रही है, लेकिन ग्राहक ना के बराबर दिख रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले चार दिनों तक तापमान में गिरावट होगी। हालांकि, उमस भरी गर्मी से राहत मिलने की संभावना नहीं है। डॉ अनिल सिंह ने बताया कि मौसम काफी सख्त है। प्रयास करें की 10 बजे से लेकर 3 बजे शाम तक बाहर नहीं निकलें। बहुत जरूरी हो तभी घरों से बाहर निकलें और पूरा एहतियात बरतें। लू का लक्षण दिखते ही अस्पताल में दिखाएं और डॉक्टर की सलाह पर दवा लें।