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पूर्व मुखिया खुंटी यादव हत्याकांड के आराेपिताें काे आजीवन कारावास

 

बीआर दर्शन | बक्सर

पूर्व मुखिया सह बसपा नेता खूंटी यादव हत्याकांड मामले में साेमवार काे अपर सत्र न्यायधीश द्वितीय बिजेन्दर कुमार की काेर्ट में सुनवाई हुई। काेर्ट ने हत्याकांड के दाे आराेपिताें काे हत्या का दाेषी पाया। दाेषी अभियुक्ताें काे काेर्ट ने विभिन्न धाराओं में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं पांच अन्य आराेपिताें काे काेर्ट ने साक्ष्य नहीं मिलने पर बरी कर दिया।

अपर लाेक अभियाेजक गाेपाल राम ने बताया कि 18 मई 2018 काे पूर्व मुखिया सह बसपा नेता खूंटी यादव अपने पुत्र और अन्य समर्थकाें के साथ स्कार्पियाें से इटाढ़ी रेलवे क्रासिंग के समीप से जा रहे थे। उसी दाैरान अपराधियाें ने ताबड़ताेड़ गाेली चला दी। गाेली लगने से खूंटी यादव की माैत माैके पर हाे गई थी। वहीं उनका बेटा भी गाेली लगने से जख्मी हाे गया था। घटना काे लेकर यशवंत सिंह से टाउन थाना में रामेश्वर सिंह, कंचन सिंह समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। काेर्ट ने मामले में पुलिस और गवाहाें काे सुनने के बाद रामेश्वर सिंह और कंचन सिंह काे हत्या का दाेषी पाया। काेर्ट ने 302 भादवि में आजीवन कारावास, 307 भादवि में 10 साल और 27 शस्त्र अधिनियम में 5 साल की सजा सुनाई है। वहीं वाद के अन्य पांच अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव व सन्देह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। दोषसिद्ध अभियुक्ताें को हर धारा में कारावास की सजा के साथ अर्थदंड भी दिया गया है।

बताया जा रहा है कि जमीन के विवाद काे लेकर बसपा नेता खूंटी यादव और जगदीशपुर गांव के चितरंजन सिंह के बीच में विवाद चल रहा था। छह बिघा जमीन पर दाेनाें पक्ष अपना-अपना दावा कर रहे थे। कहा जा रहा था कि उक्त जमीन काे लेकर ही खूंटी यादव की हत्या तीन लाख रुपए की सुपारी देकर कराई गई थी। खूंटी यादव के हत्या के बाद अधिवक्ता चितरंजन सिंह की हत्या भी अपराधियाें ने काेर्ट से निकलते वक्त 21 अगस्त 2019 काे अपराधियाें ने गाेली मार कर दी थी। उक्त हत्या खूंटी यादव हत्याकांड का प्रतिशाेध कहा गया था। चितरंजन सिंह के हत्या के तीन वर्षाें बाद उनके भाई शिक्षक सराेज सिंह की हत्या भी अपराधियाें ने गाेली मार कर दी थी। तब शिक्षक स्कूल जाने के लिए घर से निकले थे। शिक्षक हत्याकांड भी खूंटी यादव हत्याकांड से जुड़ा हुआ बताया गया था।

 

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