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पुस्तकालय भवन में स्वर्गीय घनश्याम मिश्र की 18वीं पुण्यतिथि मनाई गई

 

 

बीआर दर्शन। बक्सर

जिला अधिवक्ता संघ के तत्वधान में शनिवार को पुस्तकालय भवन में वरिष्ठ अधिवक्ता स्व. घनश्याम मिश्र की 18 वीं पुण्यतिथि मनाई गई। इस दौरान उनके अनुकरणीय कार्यों के लिए याद किया गया।

कार्यक्रम के दौरान याद करते हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि स्व. मिश्र आजीवन न्याय के पक्षधर रहे एवं भोजपुरी साहित्य के लिए अद्वितीय योगदान प्रदान किये है। जननायक कर्पूरी ठाकुर ला कॉलेज के आध्यापक के तौर पर सेवा प्रदान किया। उनके जीवनी से लोगों को बेहतर मार्गदर्शन मिल सकता है। अपने जीवन काल में कठिन परिश्रम और लगन के चलते इतिहास के पन्नों पर अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाए हैं। आने वाली पीढ़ियों को उनके जीवन से मार्गदर्शन लेते हुए अनुसरण करना चाहिए।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश आनंद नंदन सिंह ने कहा कि लोगों को परिश्रम से नहीं घबराना चाहिए क्योंकि जीवन में निरंतर आगे बढ़ने के लिए इसका दूसरा कोई विकल्प नहीं है। मंच संचालन वरीय अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने किया, वही स्वर्गीय मिश्रा के पुत्र अधिवक्ता संजय कुमार मिश्रा ने उनके द्वारा रचित भागवत गीता का भोजपुरी रूपांतरण का सस्वर पाठ कर भाव बताते हुए कहा कि व्यक्ति को दुःख में घबराने और सुख में अति उत्साहित होकर ज्यादा उल्लास नहीं करना चाहिए। हरदम समभाव रखते हुए क्रोध, चिंता और भय पर नियंत्रण रखना चाहिए।

संघ के अध्यक्ष बबन ओझा, महासचिव बिंदेश्वरी प्रसाद पांडेय ने सभा को संबोधित किया जबकि डॉ कन्हैया मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर कई माननीय न्यायाधीशों के अलावे अधिवक्ता सुबेदार पान्डेय, ह्रदय नारायण मिश्रा, सरोज उपाध्याय , गणेश ठाकुर, पूर्णेन्दु दुबे, मनीष पांडेय, ममता मिश्र, शेषनाथ सिंह, शिवपूजन लाल, रविंद्र कुमार सिन्हा, विष्णु द्विवेदी, चन्दन कत्यान, रामाकांत तिवारी, ब्रजेश त्रिपाठी समेत अन्य अधिवक्ता मौजूद थे।

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