पावर प्लांट गेट पर किसान व पुलिस के बीच झड़प, डीएसपी समेत कई पुलिसकर्मी जख्मी, पुलिस ने जमकर भांजी लाठियां
बीआर दर्शन। बक्सर
बक्सर के चौसा थर्मल पावर प्लांट के गेट पर पुलिस और किसानों के बीच बुधवार को जमकर झड़प हुई है। पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया है। वहीं, धरना पर बैठे लोगों ने भी पुलिसकर्मियों पर लाठी -डंडे और पत्थर से हमला किया। इस दौरान कुछ असमाजिक तत्वों के द्वारा वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया। घटना की सूचना पर शाहाबाद रेंज के डीआईजी एनसी झा, डीएम अंशुल अग्रवाल, एसपी मनीष कुमार के साथ भोजपुर, रोहतास और कैमूर से पुलिस बल पहुंच गई। घटना के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने ग्रामीणों पर जमकर लाठियां बरसाई। पुलिस ने दर्जनों लोगों को हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने महिलाएं, वृद्ध और बच्चों को भी पीटा, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। मौके पर अभी भी पुलिस जमी हुई है। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
किसान पिछले 11 दिन से किसान अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर पावर प्लांट के गेट के पास धरने पर बैठे हैं। कहा जा रहा है कि प्रशासन बुधवार की दोपहर भारी पुलिस बल के साथ पहुंचा और किसानों को जबरदस्ती गेट से हटाने का प्रयास किया जाने लगा। जिस पर किसान आक्रोशित हो गए और झड़प हो गई। किसान और पुलिस-प्रशासन दोनों के हाथ में लाठियां है। इसी दौरान किसी के द्वारा फायरिंग कर दी गई और स्थिति बिगड़ गई। उस समय सदर एसडीपीओ धीरज कुमार और मुफस्सिल थानाध्यक्ष चंदन कुमार झा के साथ कुछ अन्य पुलिस कर्मी और किसान भी गंभीर रूप से जख्मी हो गए।
दोपहर होते-होते भारी संख्या में पुलिस बल के साथ अधिकारियों के चौसा पावर प्लांट पर पहुंचे । पुलिस ने जबाबी कार्रवाई करते हुए जमकर लोगों पर लाठियां बरसाई। पुलिस घरों में घुस महिलाओं और बच्चों को पिटा जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कहा जा रहा है कि पुलिसिया कार्रवाई के दौरान घरों से कीमती सामान भी गायब हुआ है। देर रात तक पावर प्लांट के आसपास के गांवों में स्थिति तनावपूर्ण पूर्ण बनी हुई है। डीएम ने बताया कि धरने में कुछ असमाजिक तत्वों के फायरिंग और पथराव किया गया है। जिनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कंपनी की शिकायत पर हाईकोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया था। चौसा में निर्माण किए जा रहे देश की दूसरी बड़ी परियोजना का कार्य बाधित न हो और मुख्य गेट जाम न हो पाए, इसके लिए जिला प्रशासन को किसानों से समन्वय स्थापित करने के लिए कहा था।