मनाया गया अग्निशमन दिवस, जांबाजाे काे दी गई श्रद्धांजलि

बीआर दर्शन | बक्सर
अग्निशमनकर्मियाें के द्वारा साेमवार काे अग्निशमन सेवा दिवस मनाया गया। इस दाैरान शहीद अग्निशमन कर्मियाें काे श्रद्धांजलि देकर उनके शहादत काे याद किया गया। कमलदह पाेखरा स्थित शहीद स्मारक पर शहीदाें काे श्रद्धांजलि दी गई। सभी कर्मियाें काे पिन फ्लैग लगाया गया। इसके बाद अग्नि सेवा सप्ताह की शुरुआत की गई। अग्निशमन सप्ताह के दाैरान आग से बचाव काे लेकर जागरुकता कार्यक्रम आग से बचाव के लिए मॉकड्रिल किया गया और सभी अग्निशमन यंत्रो की जांच की गई।
66 कर्मियाें के शहादत पर मनाया जाता है अग्निशमन दिवस:
जिला अग्निशमन पदाधिकारी विनाेद यादव ने बताया कि 14 अप्रैल 1944 काे सेवा के दाैरान अपनी जान न्याेछावर करने वाले फायरकर्मियाें के शहादत पर सेवा दिवस मनाया जाता है। उन्हाेंने बताया कि 14 अप्रैल 1944 का एक धधकता शुक्रवार था, जब विक्टोरिया डाक मुंबई में सेना की विस्फोटक सामग्री से भरा पानी का जहाज लपटों के आगोश में समा गया। आग पर काबू पाने के लिए मुंबई फायर सर्विस के एक सैकड़ाे अधिकारी व कर्मचारी घटनास्थल पर भेजे गए थे। तेज उठती लपटें और उनके बीच किसी के उजड़ते आशियाने को बचाने की मंशा फायरकर्मियों में देखने को मिलती है। वे हर दिन आग से खेलने का काम करते हैं। इस खतरनाक काम को अंजाम देते हुए उन्हें अपनी जान की भी फिक्र नहीं होती। फिक्र होती है तो उन्हें सिर्फ उस जलते मंजर या फिर उसमें धधकती जिंदगी को बचाने की। आग लगने वाली जगहों पर फायरमैन सिर्फ एक फोन कॉल पर दौड़ पड़ते हैं। अटूट साहस और पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए इन जांबाज अग्निशमन कर्मचारियों ने धधकती ज्वाला पर काबू करने का भरसक प्रयत्न किया। आग पर नियंत्रण तो पा लिया गया, लेकिन इस कोशिश में 66 फायरमैन को अपनी जान की आहूति देनी पड़ी। उन्हीं 66 शहीद अग्निशमन कर्मचारियों को श्रद्धांजलि देने के लिए अग्निशमन सेवा दिवस मनाया जाता है। माैके पर सहायक जिला अग्निशमन पदाधिकारी सत्यदेव सिंह, अनुमण्डल अग्निशमन पदाधिकारी शिखा कुमारी और अग्निशमन विभाग के जवान थे।