बक्सर को राज्य में सबसे पहले बनाया जा सकेगा फाइलेरिया मुक्त: डीएम

बीआर दर्शन | बक्सर
फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए)-2024 कार्यक्रम का उद्घाटन सह एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें डीएम अंशुल अग्रवाल ने फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कर एमडीए राउंड का उद्घाटन किया। इस दौरान डीएम ने मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि फाइलेरिया एक भयावह बीमारी है, जिसके लक्षण कई साल के बाद दिखाई देता है। जिसका कोई इलाज नहीं है। इस बीमारी का बचाव ही एक उपाय है, फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करें। समाज के लोग जब जागरूक होंगे, तब 2027 तक बक्सर जिले को पूरे राज्य में सबसे पहले फाइलेरिया मुक्त किया जा सकेगा। जिला पदाधिकारी ने दवाओं का सेवन कर कहा कि फाइलेरिया रोधी दवाएं अल्बेंडाजोल और डीईसी पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने जिले के सभी लोगों से इन दवाओं का सेवन करने की अपील की।
जिले के 1155 गांवों व वार्डों में चलाया जाएगा एमडीए राउंड :
कार्यशाला का संचालन करते हुए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि इस बार जिले के सभी प्रखंडों में एमडीए राउंड का संचालन किया जा रहा है। जिसके तहत जिले के 1998853 की जनसंख्या में 1966053 लोगों को उम्र के आधार पर लक्षित किया गया है। जिले के 1155 गांवों व वार्डों में फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराने के लिए 836 टीम का गठन किया गया है। जिसमें 1480 आशा, 119 आंगनबाड़ी सेविकाएं, 97 वोलेंटियर और 83 सुपरवाइजर प्रतिनियुक्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। उन्होंने कहा कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन नहीं कराया जाएगा।
कार्यशाला में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय के पंकज कुमार, रजनीकांत राय, सदर प्रखंड के स्वास्थ्य प्रबंधक प्रिंस कुमार सिंह, जीविका के डीपीएम चंदन कुमार शर्मा, मोनिका, राम शंकर सिंह, अविकल्प मिश्रा, अश्विनी चौबे, पीसी राहुल कुमार, पीसीआई इंडिया के डीएमसी रामजन्म सिंह, सीएफएआर के एडीसी अमित सिंह समेत आशा कार्यकर्ताएं थी।