नए कानून मोटर वाहन दुर्घटना संशोधन अधिनियमों के बारे में किया गया जागरूक
बीआर दर्शन। बक्सर
जिला विधिक सेवा प्राधिकार, भवन में एक संवेदीकरण सह विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मोटर वाहन दुर्घटना संशोधन वर्ष 22 अधिनियमों के बारे में जागरूकता लाने के लिए सभी संबंधित विभाग के पदाधिकारियों साथ थाना प्रभारी भी उपस्थित थे।
जिला जज कार्यवाहक सह अध्यक्ष संदीप कुमार सिंह व न्यायाधीशों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। संदीप सिंह के द्वारा जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से विशेष जानकारी दी गई। मोटर दुर्घटना अधिनियम में किए गए संशोधन से मामलों को तीव्र गति से निष्पादित करने में बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने ने 15 दिसंबर 22 को एक मामले की सुनवाई के बाद अधिनियम में कई धाराओं में एवं नियमावली में संशोधन किया गया। जिससे न्याय मंडल के सदस्यों व थाना प्रभारियों एवं बीमा कंपनी को जानकारी दिया गया। सचिव विवेक राय ने कहा कि सड़क दुर्घटना में पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें भारत में ही होती हैं। हर साल 1 लाख 20 हजार लोग इसमें मारे जाते हैं। विकसित देशों के मुकाबले यह तीन गुना ज्यादा है। दुर्घटना की स्थिति में बीमा सुरक्षा, प्रतिकर और क्षतिपूर्ति आदि की कानूनी व्यवस्था का अपना अलग ही एक महत्व है। न्यायाधीश संतोष कुमार ने कहा कि सड़क दुर्घटना से संबंधित लोगों व दुर्घटना में मृतकों के आश्रितों द्वारा चालक, वाहन मालिक तथा बीमा कंपनी संबंधी अधिकारों को समझना जरूरी है। किसी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर जो राशि देनी होती है, वह मुआवजा राशि कहलाती है। मुआवजे का दावा वे ही कर सकते हैं, जिन्हें चोट आई है या संपत्ति या वाहन का मालिक है या फिर मृतक का सगा संबंधी है या कानूनी प्रतिनिधि या घायल द्वारा नियुक्त एजेंट या मृतक का कानूनी प्रतिनिधि है। मोटर वाहन अधिनियम के अधीन मोटर दुर्घटना ट्रिब्यूनल की व्यवस्था है। मंच संचालन बिष्णु दत्त द्विवेदी ने करते हुए कहा कि मुआवजे के आवेदन उस क्षेत्राधिकार में आने वाली ट्रिब्यूनल को संबोधित की जानी चाहिए। सड़क दुर्घटना की स्थिति में हर राज्य में दावे के लिए निर्धारित फॉर्म होते हैं। मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक भटनागर, मनोज कुमार द्वितीय, विजेंद्र कुमार, प्रभाकर दत्त मिश्रा, मनकामेश्वर प्रसाद चौबे, प्रेमचंद्र वर्मा अवर न्यायाधीश संतोष कुमार कार्यालय कर्मी संजीव कुमार, सुधीर कुमार, सुनील कुमार, सुमित कुमार, मनोज कुमार रवानी, सुनील कुमार पैनल अधिवक्ता राजेश कुमार, आरती कुमारी, कुमारी रिंकी, अखिलेश्वर दुबे, रवि प्रकाश, रवि रंजन सिंहा, प्रेम प्रकाश चौबे आदि मौजूद थे।