वरिष्ठ अधिवक्ता का न्यायालय में हृदयाघात से निधन, शोक में डूबे वकील
बीआर दर्शन। बक्सर
व्यवहार न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र तिवारी का मंगलवार को न्यायालय में बहस के दौरान अचानक हृदयाघात से निधन हो गया। इस दुखद घटना से न्यायालय परिसर में शोक की लहर फैल गई और अधिवक्ता समुदाय गहरे शोक में डूबा गए।
मिली जानकारी के मुताबिक बभनी गांव के 66 वर्षीय सुरेंद्र तिवारी व्यवहार न्यायालय में वकालत करते थे । अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दशम के न्यायालय में 11:35 बजे अपने एक केस की बहस में गए थे। बहस के दौरान ही वे अचानक बेहोश होकर न्यायालय में गिर पड़े। घटना को देख न्यायाधीश राकेश कुमार राकेश ने तुरंत उन्हें सीपीआर दिया। जब उनकी हालत बिगड़ने लगी तो न्यायाधीश स्वयं अपनी कार चलाकर उन्हें सदर अस्पताल ले गए। इतना ही नहीं, अधिवक्ता के अस्पताल पहुंचने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आनंद नंदन सिंह ने सिविल सर्जन को फोन किया और बेहतर चिकित्सा व्यवस्था करने का निर्देश दिया। हालांकि अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सुरेंद्र तिवारी वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहन तिवारी के भतीजे थे। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। वे पिछले 40 वर्षों से बक्सर न्यायालय में प्रैक्टिस कर रहे थे। अधिवक्ता के निधन पर जिला अधिवक्ता संघ के द्वारा मंगलवार की दोपहर से ही नो वर्क की घोषणा कर दी गई। बुधवार को भी अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से विरत रहेंगे। साथ ही एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन भी किया जाएगा। अधिवक्ता संघ के महासचिव बिंदेश्वरी प्रसाद पांडेय ने बताया कि निश्चय ही अधिवक्ता का निधन एक अपूरणीय क्षति है।