मां के हत्या का आरोपी कोर्ट से हुआ बरी, नहीं मिला साक्ष्य

बीआर दर्शन | बक्सर
मां के हत्या का आरोपी युवक को कोर्ट साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया है। मामले में पुलिस के द्वारा कोर्ट में साक्ष्य और गवाह प्रस्तुत नहीं कर सकी।
न्याय प्रदान करने में न्यायाधीश के साथ अधिवक्ता की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है निर्धन व्यक्ति की सहायता के लिए पैनल अधिवक्ता की नियुक्त किया जाता है। मां के हत्या के आरोपी हिमांशु शेखर ने विधिक सेवा प्राधिकार में आवेदन दिया था। वहां से उसको पैनल अधिवक्ता धर्मेंद्र राय को नियुक्त किया गया। जिन्होंने अपने प्रयास से आरोपित को न्याय दिलाया।मामला कृष्णाब्रह्म थाना क्षेत्र के अरक गांव का है। सूचक रमाशंकर पांडेय एफआईआर दर्ज कराई था कि 10 दिसंबर 2022 को पटना से चले तो टुंडीगंज स्टेशन के पास मुक्तेश्वर प्रसाद अरक गांव के सूचना दिए कि तुम्हारी पत्नी का देहांत हो गया है। जब घर पर आया तो देखा तो ताला लगा हुआ है। पत्नी घर में जहां रहती थी कंबल ओढ़े थी। उसके सिर पर चोट थे। उन्होंने अपने पुत्र हिमांशु शेखर पर हत्या का आशंका जताते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा था कि मेरा बेटा अपराधिक प्रवृत्ति का है। अपने भाई बहन एवं हम से अक्सर मारपीट किया करता था। बार-बार हत्या का धमकी देता था। अपनी मां फुलेश्वरी देवी की हत्या कर के फरार हो गया है। यह मामला प्रधान अपर सत्र न्यायाधीश अनुपम कुमारी के कोर्ट में चल रहा था। कोर्ट ने संदेह का लाभ व साक्ष्य के अभाव में हिमांशु शेखर को रिहा कर दिया।