बिहार के किसानों को बनाया जा रहा है निशाना – राकेश टिकैत

बीआर दर्शन | बक्सर
जिले के चौसा में शनिवार को किसान जनसभा का आयोजन किया गया। जनसभा में किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों की आवाज बुलंद करते हुए कहा कि किसान अपनी जमीन किसी भी कीमत पर बिना मुआवजा के नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जबरन अधिग्रहण का रास्ता अपनाया तो इसका जवाब देशभर के किसान सड़क पर उतर कर देंगे।
टिकैत ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि “सरकार बिहार के किसानों को कमजोर समझकर उन्हें पलायन के लिए मजबूर कर रही है। यहां के लोगों को खेतों से बेदखल कर मजदूर बनाने की साजिश रची जा रही है। चौसा सहित राज्य के अन्य इलाकों में विकास परियोजनाओं के नाम पर किसानों की जमीनें छीनी जा रही हैं, जो किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि जमीन किसानों की आजीविका का जरिया है और इसे छीनने की हर कोशिश का विरोध किया जाएगा।
इस मौके पर सांसद सुधाकर सिंह ने भी सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुआवजा और पुनर्वास के बिना भूमि अधिग्रहण पूरी तरह गैरकानूनी है। उन्होंने किसानों से एकजुट होकर लड़ाई को तेज करने का आह्वान किया।
सभा में हजारों की संख्या में किसान, ग्रामीण और किसान संगठनों के प्रतिनिधि जुटे थे। राकेश टिकैत का स्वागत फूल-मालाओं और परंपरागत पगड़ी पहनाकर किया गया। पूरे कार्यक्रम के दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और संघर्ष के अगले चरण की तैयारी का ऐलान किया। टिकैत ने स्पष्ट कर दिया कि किसानों की जमीन की लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है, और किसान इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। मौके अन्य किसान नेता भी मौजूद थे।