झुठा केस कराने वाले ससुर-दमाद पर काेर्ट ने लिया संज्ञान, हाेगी कार्रवाई

बीआर दर्शन | बक्सर
पॉक्सो अदालत ने झूठे केस दर्ज कराने वाले ससुर-दमाद के खिलाफ काेर्ट ने संज्ञान लिया है। काेर्ट केस दर्ज कराने वाले लड़की के पिता और पति के खिलाफ कार्रवाई करेगा। प्राथमिकी दर्ज कराने के मामले में सूचक (लड़की के पिता) पर ही संज्ञान ले लिया है। मामला डुमरांव थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।
काेर्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डुमरांव थाना क्षेत्र के रहने वाले इंदल गोंड ने 29 जुन 2022 काे पुलिस को बताया था कि उसकी नाबालिग पुत्री को उसी गांव के रहने वाले राहुल यादव एवं अनिल यादव ने गलत कार्य एवं शादी के नीयत से भगा ले गए हैं। उक्त मामले में बाल विवाह अधिनियम की धारा 10, 11 एवं पाॅक्साे की धारा 22 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पीड़िता के उम्र की जांच के लिए विद्यालय के नामांकन पंजी का अवलोकन किया। नामांकन पंजी में उसका 30 जनवरी 2006 को जन्म तिथि अंकित है। जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज करते समय पीड़िता व्यस्क हो चुकी थी। कोर्ट ने इसे काफी गंभीरता से लिया, वही न्यायाधीश के समक्ष दिए गए 164 के बयान के अंतर्गत पीड़िता ने बताया था कि वह राहुल यादव से प्यार करती थी लेकिन उसके पिता ने उम्र दराज सतीश से जबरन शादी कर दिया था, जिसके चलते वह ससुराल से भाग गई थी। पाॅक्साे अदालत ने झूठा केस करने को लेकर सूचक इंदल गोंड एवं सतीश गोंड के खिलाफ ही उल्टे संज्ञान लेकर न्यायिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। बताते चलें कि पिछले दिनों ब्रम्हपुर थाना के ऐसे ही एक मामले में लड़की के पिता के विरुद्ध ही न्यायिक प्रक्रिया शुरू की गई थी। कानून के जानकाराें का कहना है कि झूठे केस की प्राथमिकी दर्ज करने वालों के खिलाफ कानून में सजा का प्रावधान है। पाॅक्साे अदालत द्वारा पिछले दिनों कई ऐसे झूठे मामलों में सूचक के खिलाफ ही उल्टे कानूनी प्रक्रिया अपनाई गई है।