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चौसा थर्मल पावर प्लांट प्रभावितों के समर्थन में किसान चौपाल, सांसद बोले – नहीं उजड़ने नहीं देंगे गांव 

 

बीआर दर्शन | बक्सर 

बनारपुर पंचायत भवन पर शनिवार को किसान चौपाल आयोजित किया गया। चौपाल में किसानों और मजदूरों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। चौसा थर्मल पावर प्रोजेक्ट से प्रभावित ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर आयोजित इस जनसभा में विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं ने अपनी बात रखी। कार्यक्रम की अध्यक्षता शैलेश राय ने की और संचालन विजय नारायण राय ने किया।

इस अवसर पर स्थानीय सांसद एवं राजद किसान प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधाकर सिंह ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी हर मांग को पूरा कराने के लिए वह हर स्तर पर संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि आर एंड आर पॉलिसी के तहत अभी 3.90 लाख रुपये की राशि दी जा रही है, लेकिन जल्द ही इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि मजदूरों को 750 दिनों की मजदूरी का भुगतान भी स्वीकृत हो चुका है और विस्थापितों के लिए 13 एकड़ में कॉलोनी निर्माण की प्रक्रिया वर्षा समाप्त होते ही शुरू कर दी जाएगी।

उन्होंने एनएच 319ए के प्रस्तावित रूट का विरोध करते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी कीमत पर गांव उजड़ने नहीं दिया जाएगा। सांसद ने कर्मनाशा के किनारे से मैरीन ड्राइव वाली सड़क बनाने की मांग को लेकर संघर्ष तेज करने की बात कही और कहा कि वह हर कदम पर किसानों के साथ हैं।

किसान चौपाल को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रभारी दिनेश कुमार ने चौसा थर्मल प्लांट में बाहरी लोगों की बहाली पर नाराजगी जताई। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 90 प्रतिशत स्थानीय लोगों की नियुक्ति नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि राजस्थान की नरसिंह गोयल की सहकारी समिति और गौरीशंकर शाह की कंपनी महालक्ष्मी ने नकली बीज, खाद और कीटनाशक महंगे दामों पर सप्लाई कर किसानों को बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया है। उन्होंने कंफेड और बरौनी डेयरी प्रबंधन पर भी किसानों के शोषण का आरोप लगाया।

चौपाल को अन्य वक्ताओं मोहन यादव, इसराइल खान, नंदकुमार राम, घनश्याम चौधरी, सुरेंद्र सिंह, बसंती देवी, पंकज उपाध्याय, राम प्रवेश सिंह और सत्येंद्र सिंह ने भी संबोधित किया। अंत में चौसा प्रभावित किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रामप्रवेश सिंह ने कहा कि किसान अब किसी भी सूरत में प्रशासन के दमन और झूठे मुकदमों के आगे झुकने वाले नहीं हैं। वे अपने अधिकारों के लिए लगातार अंतिम लड़ेंगे।

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