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गंगा का रौद्र रूप : तटीय इलाकों में सता रहा है बाढ़ का डर

 

बीआर दर्शन | बक्सर 

गंगा का रौद्र रूप जिलेवासियों को डराने लगा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार को शाम चार बजे गंगा का जलस्तर 59.08 मीटर दर्ज किया गया है। हालांकि, फिलहाल चार -पांच घंटे से गंगा का जलस्तर स्थिर है। केंद्रीय जल आयोग कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 59.05 मीटर था। वहीं दिन के 11 बजे 59.08 मीटर दर्ज किया गया, तब से गंगा जलस्तर स्थिर है। गंगा में जिस तरह से पानी बढ़ रहा था उसे देख लोग सकते में आ गये हैं। एक तरफ जहां शहर के गंगा घाटों की सीढ़ियों पर पानी चढ़ने लगा है वहीं तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। जानकारों की मानें तो पहाड़ी क्षेत्रों में शुरू हुई बारिश का असर गंगा नदी में देखने को मिल रहा है। अगर जलस्तर में ऐसे ही बढ़ोतरी हुई तो लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी ।

वार्निंग लेबल से 24 सेंटीमीटर दूर है गंगा का जलस्तर:

 

बक्सर में गंगा का वार्निंग लेबल 59.320 और डेंजर लेबल 60.320 मीटर है। सीडब्ल्यूसी से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को शाम चार बजे गंगा का जलस्तर 59.08 मीटर दर्ज किया गया है, जो वार्निंग लेबल से महज 24 सेंटीमीटर दूर है। लेकिन, जिस रफ्तार से जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है उसे देख बाढ़ की आशंका से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।

विवाह मंडप में घुसा बाढ़ का पानी:

शहर के गंगा घाटों की सीढ़ियों पर पानी चढ़ने लगा है। रामरेखा घाट की सभी सीढ़ियां डूब गई है। पुराना विवाह मंडप में पानी भर गया है। जहाज घाट और छू मंतर की गली में केई घरों के दरवाजे तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। वहां रहने वाले लोग घर में जहरीले जीव जंतु के घुस जाने की आशंका से सहमें हुए हैं।

तटीय इलाकों में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा:

इसी तरह जलस्तर बढ़ता रहा तो गंगा के तटीय इलाकों में जल्द ही बाढ़ का पानी घुसने लगेगा। जिले के बक्सर प्रखंड, चौसा, सिमरी, चक्की और ब्रह्मपुर प्रखंड के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुसने से जान माल की सबसे अधिक क्षति होती है।

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