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ग्राहक का जमाराशि नहीं देना बैंक प्रबंधक को पड़ा महंगा, लगा जूर्माना

ग्राहक ने बैंक प्रबंधक और क्षेत्रीय महाप्रबंधक के खिलाफ दायर किया था परिवाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष ने परिवादी के हक में सुनाया फैसला 

 

बीआर दर्शन | बक्सर

फिक्स डिपोजिट की राशि समय से पूर्व तोड़कर भुगतान नहीं करने के मामले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एसबीआई, कोरान सराय पर जुर्माना लगाया है। आयोग ने उक्त बैंक के शाखा प्रबंधक व क्षेत्रीय महाप्रबंधक को फिक्स डिपोजिट का 50 हजार रुपये, मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिए 10 हजार एवं वाद खर्च के 7 हजार रुपये 45 दिनों के अंदर परिवादियों को भुगतान करने का आदेश जारी किया है। निर्धारित समय तक भुगतान नहीं करने पर 9 प्रतिशत ब्याज भी देय होगा।

परिवादीगण के अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने बताया कि बबन सिंह पिता स्व पूरब सिंह व संजागिया देवी पति बबन सिंह, ग्राम ठोरी पांडेयपुर ने भारतीय स्टेट बैंक, कोरान सराय के शाखा प्रबंधक व क्षेत्रीय महाप्रबंधक पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद दायर किया था। उक्त परिवाद में परिवादीगण ने मांग किया है कि समय से पूर्व फिक्स डिपोजिट समय से पूर्व तोड़कर भुगतान कराने का आदेश दिया जाय। साथ ही परिवादी को हुई मानसिक एवं आर्थिक क्षति का भुगतान कराने का भी आदेश निर्गत किया जाय।

उन्होंने बताया कि परिवादीगण के बचत खाते में 127731.76 रुपये जमा था। परिवादी ने अपने बचत खाता में से फिक्स डिपोजिट के लिए 50 हजार रुपये की निकासी किया। उन्होंने निकाले गये 50 हजार रुपये उक्त बैंक में ही फिक्स कर दिया। इस बीच परिवादी की बेटी की शादी तय हो गई। जब वह अपने फिक्स डिपोजिट को समय से पूर्व तोड़कर राशि भुगतान कराने के लिए गये तो शाखा प्रबंधक उन्हें गुमराह करते हुए दौड़ाने लगे। परिवादीगण तंग आकर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद दायर किया। दोनों पक्ष की सुनवाई करते हुए आयोग के अध्यक्ष वेद प्रकाश सिंह व सदस्य नंद कुमार सिंह ने परिवादीगण के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उक्त बैंक प्रबंधक पर जुर्माना लगाया है। बैंक की ओर से योगेश नारायण राय, अधिवक्ता थे।

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