रामकथा को जानने के लिए ब्रिटेन से बक्सर पहुंची डॉ लक्ष्मी ग्रेव्स

बीआर दर्शन | बक्सर
शहर के रामरेखा घाट स्थित सीताराम डॉ उपाध्याय संग्रहालय बक्सर में संगृहीत चौसा गढ़ से प्राप्त दुर्लभ मृण्मूर्ति पर अनुसंधान करने ब्रिटेन के कार्डिफ यूनिवर्सिटी के लेक्चरर डॉ लक्ष्मी ग्रेव्स गुरुवार को संग्रहालय पहुंची। संग्रहालय प्रभारी डाॅ शिव कुमार मिश्र ने बताया कि चौसा गढ़ की पुरातात्विक उत्खनन से प्राप्त मृण्मूर्तियां रामायण की कथानक पर आधारित है, जो दुर्लभ एवं प्राचीनतम है। इन दुर्लभ मृण्मूर्तियों को देखने एवं अनुसंधान करने के लिए देश-विदेश के शोधार्थी आकर्षित हो रहे हैं।
डाॅ मिश्र के अनुसार डाॅ ग्रेव्स ने संग्रहालय की सामग्रियों को गंभीरतापूर्वक अवलोकन किया तथा यहां की पुरावशेषों एवं उनके रखरखाव की भूरि-भूरि प्रशंसा की। डाॅ ग्रेव्स ने कहा कि संग्रहालय की सामग्रियां अत्यंत विलक्षण एवं असाधारण है, जिसके बारे में संसार के बुद्धिजीवियों को जानकारी होना जरूरी है।
डा ग्रेव्स को रामकथा से संबंधित मृण्मूर्तियों पर विशेषज्ञता प्राप्त है। उनके द्वारा अनेक अनुसंधान कार्य किए गए हैं। उक्त ब्रिटिश शोधार्थी को संग्रहालय कर्मियों द्वारा समुचित सहयोग प्रदान किया गया। मौके पर अनिकेत कुमार, मोहम्मद आशिक, अभिषेक चौबे थे।