दहेज हत्या मामले में पिता-पुत्र को 10 वर्ष की सज़ा, 25-25 हजार का जुर्माना

बीआर दर्शन | बक्सर
दहेज हत्या के मामले में मंगलवार को जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद की कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले में दोषी करार देते हुए पिता और पुत्र को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई। सज़ा के साथ प्रत्येक पर 25-25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है।
अपर लोक अभियोजक शेषनाथ सिंह के अनुसार, मामले के सूचक राधेश्याम गुप्ता, जो गहमर थाना क्षेत्र के ग्राम भदौरा, जिला गाजीपुर के निवासी हैं, ने अपनी पुत्री अर्चना कुमारी की शादी श्रवण कुमार (गांव सोनार पट्टी चौंक, थाना डुमरांव, जिला बक्सर) से हिंदू रीति-रिवाज के साथ कराई थी। विवाह के कुछ समय बाद से ही अर्चना के ससुराल पक्ष द्वारा दहेज में 2 लाख रुपए, वाशिंग मशीन और मोटरसाइकिल की मांग की जाने लगी।
सूचक ने आरोप लगाया कि दहेज की मांग पूरी न होने पर अर्चना के साथ मारपीट की गई। घटना के दिन अर्चना देवी को बांधकर गला दबाकर हत्या कर दी गई। इस मामले में राधेश्याम गुप्ता ने पति श्रवण कुमार, सास निर्मला देवी, ससुर राजेंद्र प्रसाद और देवर गुड्डू कुमार व दीपक कुमार के खिलाफ डुमरांव थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।
पुलिस द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के बाद न्यायालय ने गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर पति श्रवण कुमार और ससुर राजेंद्र प्रसाद को दोषी पाया। सुनवाई के दौरान आरोपित सास की मृत्यु हो गई, जबकि दोनों नाबालिग देवरों का मामला किशोर न्याय परिषद को सौंप दिया गया।
न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद ने पति श्रवण कुमार और पिता राजेंद्र प्रसाद को दोषी पाते हुए 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास और 25-25 हजार रुपए अर्थदंड की सज़ा सुनाई।