दस वर्षो बाद अपने परिजनों से मिला पुर्णिया का मुख्तार
बालगृह अधीक्षक व बाल कल्याण समिति के समक्ष बच्चे को परिजनों को किया गया सुपुर्द
बीआर दर्शन। बक्सर
दस वर्ष पूर्व अपने पुर्णिया से गायब मुख्तार बाल कल्याण समिति के प्रयास से अपनों से मिल गया। बच्चे को पाकर जहां माता – पिता ख़ुश हुए वहीं मुख्तार के चेहरे पर भी खुशी छा गई। मुफस्सिल थाना द्वारा दस वर्ष पूर्व बरामद बच्चे को बालगृह और बाल कल्याण समिति के समक्ष परिजनों को सौंपा गया।
वर्ष 2013 में मुफस्सिल तत्कालीन थानाध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने ग्यारह वर्षीय बच्चा काल्पनिक नाम मुन्ना को बरामद किया था। जिसे पटना भेज दिया गया था। वही 28 जानवरी 2014 को जिला में बालगृह के स्थापना के बाद बच्चे को बालगृह शिफ्ट किया गया था। तब से वह बक्सर बालगृह में रह रहा था।
बालगृह की अधीक्षक रितिका सिंह ने बताया कि बाल कल्याण समिति में कार्यरत सदस्य नवीन कुमार पाठकने वर्ष 2022 के जनवरी में पूर्णिया के एक अधिकारी से बातचीत के क्रम में वहां के तीन लापता बच्चो के बारे में जानकारी मिली थी। जिसके बाद पता लगाने लगे इस क्रम में मो. अख्तर बक्सर बाल गृह में (काल्पनिक नाम मुन्ना) से रह रहा था। जिसकी वजह से उसका पहचान नहीं हो पा रहा था तभी एक माह पूर्व बालगृह के कर्मी शाहीद अली ने बताया कि दस वर्षो से मुफस्सिल थाना द्वारा सुपुर्द बच्चा मुस्लिम परिवार से संबद्ध रखता है। तभी सदस्य ने पूर्णिया से लापता बच्चे के बारे में पूरी जानकारी लेकर सत्यापन करना आरंभ किया तब पूर्णिया के थानाध्यक्ष ने लापता बच्चे के गांव अंतर्गत पंचायत समिति सदस्य का नंबर दिए उनसे संपर्क करने पर पता चला कि दस साल पूर्व मो मुस्ताक लापता है जो दिव्यांग है। ठीक से बोल नहीं पाता है। 13 फरवरी को इस बात का सत्यापन हो गया की मो मुस्ताक पूर्णिया के चांदी कनेला गांव का ही है। तभी उसके पिता मो. मुस्ताक से बच्चे की सारी जानकारी मांगी गई थी जिसने वॉट्सअप पर आधार और दिव्यांगता प्रमाण पत्र भेजा गया। और नवीन कुमार ने वाट्सएप पर तस्वीर भेजा तब मां बाप खुशी से फूले न समाए। ये सभी जानकारी मिलने के पश्चात सत्यापन हो गया की अख्तर पूर्णिया का ही है। तभी सोमवार को उस बच्चे की मां नईमा खातून, पिता मो. मुस्ताक व फूफा मो. मुंतासी बक्सर बाल गृह पहुंचे और काउंसलिंग के बाद बाल गृह के अधीक्षक रितिका, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मदन सिंह, सदस्य नवीन पाठक व योगिता सिंह, काउंसलर सोनी सिंह, बाल गृह कर्मी शहीद अली के समक्ष बच्चे के परिजनों को सौंपा गया। वही बच्चा परिजनों से मिलकर बहुत खुश नजर आया।