अधिवक्ता हत्याकांड में बसपा नेता के पुत्रों समेत पांच को उम्रकैद, अलग-अलग धाराओं में हुई सजा

बीआर दर्शन | बक्सर
जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय, बक्सर की अदालत ने अधिवक्ता चितरंजन सिंह की हत्या के मामले में बसपा नेता स्व. खुंटी यादव के पुत्र यशवंत यादव और यशोदेव यादव समेत अन्य दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि यह मामला ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ की श्रेणी में नहीं आता, इसलिए उदार दृष्टिकोण अपनाया गया।
अपर लोक अभियोजक बिनोद कुमार सिंह ने बताया कि 21 अगस्त 2019 को अधिवक्ता चितरंजन सिंह न्यायालय से अपना काम निपटाकर घर सदर प्रखंड के जगदीशपुर लौट रहे थे। न्यायालय के पिछले दरवाजे के पास ही उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतक के भाई के बयान के आधार पर बसपा नेता रहे स्वर्गीय खूंटी यादव के पुत्र यशवंत सिंह के साथ-साथ कुल सात लोगों को आरोपी बनाया गया था। धारा-302 भारतीय दंड संहिता के तहत पांच लोगों को दोषी माना गया जिनमें यशदेव सिंह, यशवंत सिंह, उमाशंकर सिंह, विशंभर सिंह, वशिष्ठ सिंह को उम्रकैद और एक लाख रुपये जुर्माना लगाया गया। जुर्माना नहीं देने पर छह माह का साधारण कारावास भुगतना होगा। दोषियों को धारा-428 दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, धारा-147 में एक वर्ष का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माना, धारा-148 में दो वर्ष का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माना तथा धारा-27 आर्म्स एक्ट में चार वर्ष का सश्रम कारावास और पचास हजार रुपये जुर्माना लगाया गया। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
मृतक के भाई जगमोहन सिंह और अजय कुमार को पीड़ित मानते हुए अदालत ने मुआवजा देने के लिए मामला जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजा है।